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Yoga School Rewari

Ayushya Mandiram / Yoga School Rewari
Yoga Day & Mansoon

जब जून की तपती दोपहरी धीरे-धीरे ठंडी फुहारों में बदलने लगती है, तभी आता है — अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

[vc_row][vc_column][vc_column_text]रेवाड़ी की उद्योग नगरी में योग की गूंज – मोसाशी में आयुष्य मन्दिरम् का सफल आयोजन[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column][vc_column_text css=""] 🧘‍♂️ योग दिवस (21 जून) और मानसून का आध्यात्मिक-प्राकृतिक संबंध जब जून की तपती दोपहरी धीरे-धीरे ठंडी फुहारों में बदलने लगती है, तभी 21 जून आता है-अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day)आपको यह भी पढ़ना चाहिए: योग दिवस तक-हर दिन एक योग प्रोटोकॉल अभ्यास: आयुष्य मन्दिरम् की एक अनूठी पहलयह महज़ संयोग नहीं, एक प्राकृतिक एवं आध्यात्मिक संकेत है। जहां एक ओर मानसून धरती को शीतल करता है, वहीं योग आत्मा को। दोनों ही जीवन को पुनः ऊर्जावान बनाने का अवसर हैं।"जब प्रकृति भी योग करती है…" मानव जीवन का सबसे घनिष्ठ संबंध प्रकृति से है। जिस प्रकार पृथ्वी वर्षा ऋतु में शुद्ध होती है, उसी प्रकार शरीर-मन का शुद्धिकरण योग...

International Yoga Day 2025

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: योगमय रेवाड़ी

[vc_row][vc_column][vc_column_text css=""] शहर के कोने-कोने में दिया जा रहा है योग प्रोटोकॉल का प्रशिक्षणरेवाड़ी। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) के उपलक्ष्य में रेवाड़ी में व्यापक स्तर पर तैयारियाँ जोरों पर हैं। इसी क्रम में आयुष्य मन्दिरम् और इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर के संयुक्त तत्वावधान में शहर के विभिन्न पार्कों, कॉलोनियों और सार्वजनिक स्थलों पर कॉमन योग प्रोटोकॉल (CYP) का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि आगामी योग दिवस समारोह भव्य और संगठित रूप से मनाया जा सके। आयुष्य मन्दिरम् योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र, रेवाड़ी पर विश्वविद्यालय और अन्य कॉलेजों से इंटर्नशिप कर रहे विद्यार्थियों को विशेष योग प्रशिक्षण दिया गया है।संस्था के निदेशक आचार्य डॉ. जयप्रकाशानन्द के अनुसार, पहले इन विद्यार्थियों को योग प्रोटोकॉल का विशेष अभ्यास कराया गया, तत्पश्चात अनुभवी प्रशिक्षकों की देखरेख में शहर...

protocol Gomukhasana

गोमुखासन शरीर, मन और आत्मा के संतुलन का आसन : डॉ. सुधा यादव

[vc_row][vc_column][vc_column_text css=""] गोमुखासन (Gomukhasana) परिचय: शब्दार्थ एवं नामकरण'गोमुखासन' तीन संस्कृत शब्दों से मिलकर बना है – गो (गाय), मुख (चेहरा) और आसन (स्थिति या मुद्रा)। इस आसन में शरीर की आकृति गाय के मुख जैसी दिखाई देती है — जांघों और पिंडलियों का स्वरूप एक छोर पर चौड़ा और दूसरे छोर पर संकरा होता है। बांहों की स्थिति गाय के कानों जैसी प्रतीत होती है। यह मुद्रा मन को गाय की तरह शांत, सौम्य और उदार बनाए रखने की प्रेरणा देती है। अंग्रेज़ी में इसे Cow Face Pose कहा जाता है। गोमुखासन की अभ्यास विधि 1️⃣ दण्डासन में बैठें। 2️⃣ दाहिने पैर को मोड़कर एड़ी को बाएं नितंब से लगाएं। 3️⃣ बाएं पैर को मोड़कर एड़ी को दाहिने नितंब से इस प्रकार लगाएं कि बायां घुटना दाहिने घुटने के ऊपर आ जाए। 4️⃣...

Yoga Protocol

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस – कॉमन योग प्रोटोकॉल पाँचवाँ त्रिकोणासन

[vc_row][vc_column][vc_column_text css=""] 🧘‍♀️ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस – पाँचवाँ आसन ✨ आज का आसन: त्रिकोणासन (Triangle Pose) 🔶 परिचय त्रिकोणासन, दो संस्कृत शब्दों से मिलकर बना है:त्रिकोण = तीन कोण (Triangle) आसन = शारीरिक स्थिति (Pose) इस आसन में शरीर त्रिभुज की आकृति में दिखाई देता है, इसलिए इसे त्रिकोणासन कहते हैं। यह न केवल शरीर को संतुलन सिखाता है, बल्कि मन और आत्मा को भी स्थिर करता है।🧘‍♂️ अभ्यास विधि (Step-by-Step Practice)समस्थिति (Tadasana) में सीधे खड़े हो जाएं। दोनों पैरों के बीच लगभग 2–3 फीट का अंतर रखें। दाएं पैर की दिशा बाहर की ओर मोड़े, बायां पैर स्थिर रहे। श्वास भरते हुए दोनों हाथों को कंधों के समानांतर फैलाएं। श्वास छोड़ते हुए धीरे-धीरे दाएं हाथ को नीचे झुकाकर दाएं पैर के पास रखें। बायां हाथ ऊपर...

Yoga Protocol-4

कॉमन योग प्रोटोकॉल चौथा आसन : अर्ध चक्रासन

[vc_row][vc_column][vc_column_text css=""] अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का चौथा आसन : अर्ध चक्रासन अर्ध चक्रासन (Half Wheel Pose) अर्ध चक्रासन दो शब्दों से मिलकर बना है। अर्ध का अर्थ आधा तथा चक्र का अर्थ पहिया होता है। इस आसन को करते समय शारीरिक स्थिति आधे चक्र जैसी हो जाती है। इसलिए इस आसन को अर्ध चक्रासन कहते हैं।अभ्यास विधि सावधान की स्थिति में खड़े हो जाएं दोनों पैरों के मध्य दो से तीन इंच का अंतर रखें दोनों हाथों से कमर को इस प्रकार पड़े की अंगूठे पीछे की तरफ और चार उंगलियां पेट की तरफ रहें श्वास भरते हुए गर्दन और कमर को पीछे की तरफ झुकाए स्वास्थ्य सामान्य रक्त में 10 से 15 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें श्वास लेते हुए धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में आ...

yoga protocol: padhastasana

कॉमन योग प्रोटोकॉल तीसरा आसन : पादहस्तासन

[vc_row][vc_column][vc_column_text css=""] 🎉 अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस - तीसरा आसन 🧘‍♂️ पादहस्तासन (Hand to Foot Pose) 📅 #YogaDay2025 #Padahastasana  पादहस्तासन परिचय "पाद" = पैर, "हस्त" = हाथ हाथों से पैरों को छूने की स्थिति Standing Forward Bend Pose 🔶 अभ्यास विधि 1️⃣ सावधान मुद्रा में खड़े हों 2️⃣ श्वास भरते हुए हाथ ऊपर 3️⃣ श्वास छोड़ते हुए झुकें 4️⃣ हथेलियां पैरों के पास 5️⃣ चेहरा घुटनों से लगाएं 🕒 10–15 सेकंड रुकें 🔶 ध्यान रखें ⚠️ शुरू में ज़ोर न डालें ⚠️ घुटनों को सीधा रखें 🧘‍♀️ संयम और संतुलन रखें 🔶 किसे नहीं करना चाहिए? 🚫 कमर दर्द, हर्निया 🚫 हृदय, रक्तचाप की समस्या 🚫 गर्भवती महिलाएं 🔶 लाभ ✅ रीढ़ की लचीलापन ✅ मोटापा कम करना ✅ स्मरण शक्ति व पाचन सुधार ✅ बच्चों की height बढ़ाने में सहायक 🔶 क्या आप जानते हैं? 👉 यह पश्चिमोत्तानासन का खड़ा संस्करण है [/vc_column_text][vc_raw_html css=""]JTNDZGl2JTIwc3R5bGUlM0QlMjJkaXNwbGF5JTNBZmxleCUzQiUyMGFsaWduLWl0ZW1zJTNBZmxleC1zdGFydCUzQiUyMGdhcCUzQTE1cHglM0IlMjBiYWNrZ3JvdW5kJTNBJTIzZjlmOWY5JTNCJTIwcGFkZGluZyUzQTE1cHglM0IlMjBib3JkZXItcmFkaXVzJTNBMTJweCUzQiUyMGJveC1zaGFkb3clM0EwJTIwMnB4JTIwNXB4JTIwcmdiYSUyODAlMkMwJTJDMCUyQzAuMSUyOSUzQiUyMiUzRSUwQSUyMCUyMCUzQ2ltZyUyMHNyYyUzRCUyMmh0dHBzJTNBJTJGJTJGYW1zaXRlLmluJTJGd3AtY29udGVudCUyRnVwbG9hZHMlMkYyMDI1JTJGMDYlMkZkci5kaGFybXZlZXIuanBnJTIyJTIwYWx0JTNEJTIyRHIuJTIwRGhhcm12ZWVyJTIwWW9nYWNoYXJ5YSUyMiUyMHN0eWxlJTNEJTIyd2lkdGglM0ExMDBweCUzQiUyMGhlaWdodCUzQTEwMHB4JTNCJTIwb2JqZWN0LWZpdCUzQWNvdmVyJTNCJTIwYm9yZGVyLXJhZGl1cyUzQTUwJTI1JTNCJTIyJTNFJTBBJTIwJTIwJTNDZGl2JTNFJTBBJTNDaDQlM0UlRTIlOUMlOEQlRUYlQjglOEYlMjAlRTAlQTQlQjIlRTAlQTUlODclRTAlQTQlOTYlRTAlQTQlOTUlMjAlRTAlQTQlQUElRTAlQTQlQjAlRTAlQTQlQkYlRTAlQTQlOUElRTAlQTQlQUYlM0ElM0MlMkZoNCUzRSUwQSUzQ3AlM0UlM0NzdHJvbmclM0UlRTAlQTQlQTElRTAlQTQlQkUuJTIwJUUwJUE0JUE3JUUwJUE0JUIwJUUwJUE1JThEJUUwJUE0JUFFJUUwJUE0JUI1JUUwJUE1JTgwJUUwJUE0JUIwJTIwJUUwJUE0JUFGJUUwJUE1JThCJUUwJUE0JTk3JUUwJUE0JUJFJUUwJUE0JTlBJUUwJUE0JUJFJUUwJUE0JUIwJUUwJUE1JThEJUUwJUE0JUFGJTNDJTJGc3Ryb25nJTNFJTNDYnIlM0UlMEElRTAlQTQlODUlRTAlQTQlQjglRTAlQTQlQkYlRTAlQTQlQjglRTAlQTUlOEQlRTAlQTQlOUYlRTAlQTUlODclRTAlQTQlODIlRTAlQTQlOUYlMjAlMjAlRTAlQTQlQUElRTAlQTUlOEQlRTAlQTQlQjAlRTAlQTUlOEIlRTAlQTQlQUIlRTAlQTUlODclRTAlQTQlQjglRTAlQTQlQjAlMjAlRTIlODAlOTMlMjAlRTAlQTQlQUYlRTAlQTUlOEIlRTAlQTQlOTclMjAlRTAlQTQlQjUlRTAlQTQlQkYlRTAlQTQlQUQlRTAlQTQlQkUlRTAlQTQlOTclMkMlMjAlRTAlQTQlODclRTAlQTQlODIlRTAlQTQlQTYlRTAlQTQlQkYlRTAlQTQlQjAlRTAlQTQlQkUlMjAlRTAlQTQlOTclRTAlQTQlQkUlRTAlQTQlODIlRTAlQTQlQTclRTAlQTUlODAlMjAlRTAlQTQlQjUlRTAlQTQlQkYlRTAlQTQlQjYlRTAlQTUlOEQlRTAlQTQlQjUlRTAlQTQlQjUlRTAlQTQlQkYlRTAlQTQlQTYlRTAlQTUlOEQlRTAlQTQlQUYlRTAlQTQlQkUlRTAlQTQlQjIlRTAlQTQlQUYlMkMlMjAlRTAlQTQlQUUlRTAlQTUlODAlRTAlQTQlQjAlRTAlQTQlQUElRTAlQTUlODElRTAlQTQlQjAlMjAlMjglRTAlQTQlQjAlRTAlQTUlODclRTAlQTQlQjUlRTAlQTQlQkUlRTAlQTQlQTElRTAlQTQlQkMlRTAlQTUlODAlMjklMjAlM0NiciUzRSUwQTEwJTJCJTIwJUUwJUE0JUI1JUUwJUE0JUIwJUUwJUE1JThEJUUwJUE0JUI3JUUwJUE1JThCJUUwJUE0JTgyJTNDJTJGc3Ryb25nJTNFJTIwJUUwJUE0JUI4JUUwJUE1JTg3JTIwJUUwJUE0JUFGJUUwJUE1JThCJUUwJUE0JTk3JTIwJUUwJUE0JThGJUUwJUE0JUI1JUUwJUE0JTgyJTIwJUUwJUE0JUFBJUUwJUE1JThEJUUwJUE0JUIwJUUwJUE0JUJFJUUwJUE0JTk1JUUwJUE1JTgzJUUwJUE0JUE0JUUwJUE0JUJGJUUwJUE0JTk1JTIwJUUwJUE0JTlBJUUwJUE0JUJGJUUwJUE0JTk1JUUwJUE0JUJGJUUwJUE0JUE0JUUwJUE1JThEJUUwJUE0JUI4JUUwJUE0JUJFJTIwJUUwJUE0JTlDJUUwJUE0JUJFJUUwJUE0JTk3JUUwJUE0JUIwJUUwJUE1JTgyJUUwJUE0JTk1JUUwJUE0JUE0JUUwJUE0JUJFJTIwJUUwJUE0JUFFJUUwJUE1JTg3JUUwJUE0JTgyJTIwJUUwJUE0JUI4JUUwJUE0JTgyJUUwJUE0JUIyJUUwJUE0JTk3JUUwJUE1JThEJUUwJUE0JUE4JTIwJUUwJUE0JUI5JUUwJUE1JTg4JUUwJUE0JTgyJUUwJUE1JUE0JTIwJUUwJUE0JTg2JUUwJUE0JUFBJUUwJUE0JUE4JUUwJUE1JTg3JTIwJUUwJUE0JUI5JUUwJUE0JTlDJUUwJUE0JUJFJUUwJUE0JUIwJUUwJUE1JThCJUUwJUE0JTgyJTIwJUUwJUE0JUIyJUUwJUE1JThCJUUwJUE0JTk3JUUwJUE1JThCJUUwJUE0JTgyJTIwJUUwJUE0JTk1JUUwJUE1JThCJTIwJUUwJUE0JTg2JUUwJUE0JUIwJUUwJUE1JThCJUUwJUE0JTk3JUUwJUE1JThEJUUwJUE0JUFGJTIwJUUwJUE0JTlDJUUwJUE1JTgwJUUwJUE0JUI1JUUwJUE0JUE4JUUwJUE0JUI2JUUwJUE1JTg4JUUwJUE0JUIyJUUwJUE1JTgwJTIwJUUwJUE0JTg1JUUwJUE0JUFBJUUwJUE0JUE4JUUwJUE0JUJFJUUwJUE0JUE4JUUwJUE1JTg3JTIwJUUwJUE0JUI5JUUwJUE1JTg3JUUwJUE0JUE0JUUwJUE1JTgxJTIwJUUwJUE0JUFBJUUwJUE1JThEJUUwJUE0JUIwJUUwJUE0JUI2JUUwJUE0JUJGJUUwJUE0JTk1JUUwJUE1JThEJUUwJUE0JUI3JUUwJUE0JUJGJUUwJUE0JUE0JTIwJUUwJUE0JTk1JUUwJUE0JUJGJUUwJUE0JUFGJUUwJUE0JUJFJTIwJUUwJUE0JUI5JUUwJUE1JTg4JUUwJUE1JUE0JTIwJUUwJUE0JTg2JUUwJUE0JUFBJUUwJUE0JTk1JUUwJUE1JTgwJTIwJUUwJUE0JUIyJUUwJUE1JTg3JUUwJUE0JTk2JUUwJUE0JUE4JUUwJUE1JTgwJTIwJUUwJUE0JUFBJUUwJUE0JUJFJUUwJUE0JUIwJUUwJUE0JTgyJUUwJUE0JUFBJUUwJUE0JUIwJUUwJUE0JUJGJUUwJUE0JTk1JTIwJUUwJUE0JUFGJUUwJUE1JThCJUUwJUE0JTk3JTIwJUUwJUE0JTk0JUUwJUE0JUIwJTIwJUUwJUE0JTg2JUUwJUE0JUE3JUUwJUE1JTgxJUUwJUE0JUE4JUUwJUE0JUJGJUUwJUE0JTk1JTIwJUUwJUE0JUE2JUUwJUE1JTgzJUUwJUE0JUI3JUUwJUE1JThEJUUwJUE0JTlGJUUwJUE0JUJGJUUwJUE0JTk1JUUwJUE1JThCJUUwJUE0JUEzJTIwJUUwJUE0JTk1JUUwJUE0JUJFJTIwJUUwJUE0JUI4JUUwJUE0JUFFJUUwJUE0JUE4JUUwJUE1JThEJUUwJUE0JUI1JUUwJUE0JUFGJTIwJUUwJUE0JUFBJUUwJUE1JThEJUUwJUE0JUIwJUUwJUE0JUI4JUUwJUE1JThEJUUwJUE0JUE0JUUwJUE1JTgxJUUwJUE0JUE0JTIwJUUwJUE0JTk1JUUwJUE0JUIwJUUwJUE0JUE0JUUwJUE1JTgwJTIwJUUwJUE0JUI5JUUwJUE1JTg4JUUwJUE1JUE0JTNDYnIlM0U=[/vc_raw_html][vc_btn 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Common Yoga Protocol

कॉमन योग प्रोटोकॉल : वृक्षासन

[vc_row][vc_column][vc_column_text css=""] 🌳 आज का आसन: वृक्षासन (Tree Pose) 📅 अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रोटोकॉल – आसन संख्या 2लेख श्रृंखला: योग से जुड़े, स्वास्थ्य से जुड़े | आयुष्य मन्दिरम् द्वारा प्रस्तुत 🌿 वृक्षासन का परिचय (Tree Pose) वृक्ष का अर्थ है पेड़ और आसन का अर्थ है शारीरिक स्थिति। इस आसन में शरीर की मुद्रा एक स्थिर वृक्ष की तरह होती है – संतुलित, स्थिर और केंद्रित।इसलिए इस आसन को “वृक्षासन” कहा जाता है। 🧘‍♂️ वृक्षासन की अभ्यास विधिदोनों पैरों के बीच में 2–3 इंच का अंतर रखते हुए सीधे खड़े हो जाएं। श्वास छोड़ते हुए धीरे-धीरे दाएं पैर को उठाएं और पंजे को बाएं पैर की अंदरूनी जांघ पर रखें। (ध्यान दें: एड़ी मूलाधार क्षेत्र को स्पर्श करे) अब श्वास भरते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं और...

Nadi Shodhan Pranayama

प्राणायाम: कथं सिद्ध:?

प्राणशक्ति तथा प्राणायाम की उपयोगिता प्राण ही मनुष्य के स्वास्थ्य एवं रूग्णता का कारण है। शरीर आधार है तथा प्राण उसकी शक्ति। मन एवं शरीर प्राण के बिना नहीं रह सकते। प्राण विद्या के द्वारा प्राणशक्ति को विभाजित कर शरीर के प्रत्येक केन्द्र में उपयुक्त रूप से भेजा जा सकता है। इस विद्या के द्वारा प्राणशक्ति की असंतुलित अवस्था में संतुलन ला सकते हैं। इसके अलावा प्राणशक्ति के अभाव में यदि कोई रोग उत्पन्न हुआ हो तो जहाँ प्राणशक्ति अतिरिक्त मात्रा में है वहाँ से अतिरिक्त प्राणशक्ति को रूग्न अंग में प्रसारित कर उसकी क्षतिपूर्ति की जा सकती है। शरीर की रक्षा के लिये जिस प्रकार अन्न की उपयोगिता है, शरीरस्थ रोगनाश के लिये जैसे औषधियों का विनियोग होता है, उसी प्रकार शरीरस्थ बाहरी और भीतरी (बाह्याभ्यन्तर)...

Children Yoga Classes

आयुष्य मन्दिरम् परिसर में बच्चों के लिए नियमित योग कक्षाएं

अपने बच्चे की एकाग्रता, स्मृति, अनुशासन, दृढ़ संकल्प और मूल्य प्रणाली में सुधार के लिए करें योग की शक्ति का उपयोगबच्चों के लिए योग बच्चों  के लिए डिजाइन किए गए व्यायाम के रूप में योग का एक रूप है। इसमें ताकत, लचीलापन और समन्वय बढ़ाने के लिए आसन शामिल हैं। कक्षाएं मजेदार होने के लिए बनाई गई हैं और इसमें  उम्र के हिसाब से उपयुक्त खेल, जानवरों की आवाजे और आसन के लिए रचनात्मक नाम शामिल हो सकते हैं । बच्चों के लिए हमारे विशेष कार्यक्रम के साथ अपने बच्चे को माइंडफुलनेस से परिचित कराएँ। अपने बच्चे के ध्यान, स्मृति, अनुशासन, दृढ़ संकल्प और मूल्य प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए योग की शक्ति का उपयोग करें। बच्चों की योग कक्षाओं में सरल योग आसन और...

Yoga Classes

रेवाड़ी में सर्वश्रेष्ठ योग प्रशिक्षण केंद्र

आधुनिक जीवनशैली के तनाव और व्यस्तता के बीच, योग एक अद्वितीय उपाय है जो हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है। चाहे आप किसी भी उम्र के हों, योग का नियमित अभ्यास जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। यह न केवल शरीर को लचीला और मजबूत बनाता है, बल्कि शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य को संतुलित रखने में मदद करता है।रेवाड़ी में आयुष्य मंदिरम गर्व के साथ अपनी पहचान बनाता है, क्योंकि यह यहाँ का एकमात्र योग प्रमाणन बोर्ड, आयुष मंत्रालय द्वारा प्रमाणित योग प्रशिक्षण केंद्र है। हमारे केंद्र में, हम योग के प्राचीन ज्ञान और आधुनिक तकनीकों का समावेश करते हुए एक समग्र और प्रमाणित योग शिक्षा प्रदान करते हैं। हमारे अनुभवी प्रशिक्षक न केवल आपको शारीरिक आसनों की शिक्षा देते हैं, बल्कि ध्यान...

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