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Yoga

protocol Gomukhasana

गोमुखासन शरीर, मन और आत्मा के संतुलन का आसन : डॉ. सुधा यादव

[vc_row][vc_column][vc_column_text css=""] गोमुखासन (Gomukhasana) परिचय: शब्दार्थ एवं नामकरण'गोमुखासन' तीन संस्कृत शब्दों से मिलकर बना है – गो (गाय), मुख (चेहरा) और आसन (स्थिति या मुद्रा)। इस आसन में शरीर की आकृति गाय के मुख जैसी दिखाई देती है — जांघों और पिंडलियों का स्वरूप एक छोर पर चौड़ा और दूसरे छोर पर संकरा होता है। बांहों की स्थिति गाय के कानों जैसी प्रतीत होती है। यह मुद्रा मन को गाय की तरह शांत, सौम्य और उदार बनाए रखने की प्रेरणा देती है। अंग्रेज़ी में इसे Cow Face Pose कहा जाता है। गोमुखासन की अभ्यास विधि 1️⃣ दण्डासन में बैठें। 2️⃣ दाहिने पैर को मोड़कर एड़ी को बाएं नितंब से लगाएं। 3️⃣ बाएं पैर को मोड़कर एड़ी को दाहिने नितंब से इस प्रकार लगाएं कि बायां घुटना दाहिने घुटने के ऊपर आ जाए। 4️⃣...

Yoga Protocol-4

कॉमन योग प्रोटोकॉल चौथा आसन : अर्ध चक्रासन

[vc_row][vc_column][vc_column_text css=""] अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का चौथा आसन : अर्ध चक्रासन अर्ध चक्रासन (Half Wheel Pose) अर्ध चक्रासन दो शब्दों से मिलकर बना है। अर्ध का अर्थ आधा तथा चक्र का अर्थ पहिया होता है। इस आसन को करते समय शारीरिक स्थिति आधे चक्र जैसी हो जाती है। इसलिए इस आसन को अर्ध चक्रासन कहते हैं।अभ्यास विधि सावधान की स्थिति में खड़े हो जाएं दोनों पैरों के मध्य दो से तीन इंच का अंतर रखें दोनों हाथों से कमर को इस प्रकार पड़े की अंगूठे पीछे की तरफ और चार उंगलियां पेट की तरफ रहें श्वास भरते हुए गर्दन और कमर को पीछे की तरफ झुकाए स्वास्थ्य सामान्य रक्त में 10 से 15 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें श्वास लेते हुए धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में आ...

Common Yoga Protocol

कॉमन योग प्रोटोकॉल : वृक्षासन

[vc_row][vc_column][vc_column_text css=""] 🌳 आज का आसन: वृक्षासन (Tree Pose) 📅 अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रोटोकॉल – आसन संख्या 2लेख श्रृंखला: योग से जुड़े, स्वास्थ्य से जुड़े | आयुष्य मन्दिरम् द्वारा प्रस्तुत 🌿 वृक्षासन का परिचय (Tree Pose) वृक्ष का अर्थ है पेड़ और आसन का अर्थ है शारीरिक स्थिति। इस आसन में शरीर की मुद्रा एक स्थिर वृक्ष की तरह होती है – संतुलित, स्थिर और केंद्रित।इसलिए इस आसन को “वृक्षासन” कहा जाता है। 🧘‍♂️ वृक्षासन की अभ्यास विधिदोनों पैरों के बीच में 2–3 इंच का अंतर रखते हुए सीधे खड़े हो जाएं। श्वास छोड़ते हुए धीरे-धीरे दाएं पैर को उठाएं और पंजे को बाएं पैर की अंदरूनी जांघ पर रखें। (ध्यान दें: एड़ी मूलाधार क्षेत्र को स्पर्श करे) अब श्वास भरते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं और...

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योग दिवस तक-हर दिन एक योग प्रोटोकॉल अभ्यास: आयुष्य मन्दिरम् की एक अनूठी पहल

[vc_row][vc_column][vc_column_text css=""] विश्व योग दिवस तक – हर दिन एक योग: पहला अभ्यास ‘ताड़ासन’ [caption id="attachment_3885" align="alignnone" width="476"] एसडीएम श्री मनोज कुमार, श्रीमती ममता यादव (हरियाणा लोक सेवा आयोग), योगाचार्य सुषमा, श्री सतीश कुमार (जिला खजाना अधिकारी)[/caption] योग आचार्य डॉ. धर्मवीर यादव द्वारा प्रस्तुत – अंतर्राष्ट्रीय योग प्रोटोकॉल का पहला अभ्यास आयुष्य मन्दिरम् की अनूठी पहल के अंतर्गत, 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस तक हम प्रतिदिन एक योग अभ्यास को विशेषज्ञों की दृष्टि से प्रस्तुत करेंगे। इस श्रंखला की शुरुआत हम कॉमन योग प्रोटोकॉल (CYP) के पहले आसन ‘ताड़ासन’ से कर रहे हैं। आज के विशेषज्ञ: योगाचार्य डॉ. धर्मवीर यादव, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, मीरपुर (रेवाड़ी, हरियाणा) के एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उन्होंने योग पर 7 से अधिक पुस्तकों की रचना की है। उनकी प्रसिद्ध पुस्तक ‘Yoga – A Way of...

Bal Bhawan Rewari

बाल भवन रेवाड़ी में एक दिवसीय योग प्रोटोकॉल प्रशिक्षण

रेवाड़ी | बाल भवन रेवाड़ी में एक दिवसीय योग प्रोटोकॉल प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।आयुष्य मन्दिरम् संस्था के तत्वावधान में बीते रविवार को शहर के माडल टाउन स्थित बाल भवन में एक दिवसीय योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन आगामी अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस को मद्देनजर रखते हुए किया गया।योगाचार्य सुषमा ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी साधकों को विधिवत योग प्रोटोकॉल का अभ्यास करवाया। उनकी टीम के सदस्य योगसहायक रीना और आस्था ने डेमोंस्ट्रेशन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि हमने योग दिवस 21 जून 2025 तक कम से कम 1000 लोगों को योग प्रोटोकॉल का विधिवत प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा है। ...

Hasttotanasana

साक्षी सोसायटी रेवाड़ी में स्वास्थ्य एवं योग कार्यक्रम

रेवाड़ी। साक्षी सोसायटी पार्क में बीते शनिवार को एक दिवसीय स्वास्थ्य एवं योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें शिवा सोसायटी, कृष्णा सोसायटी व अन्य आसपास की सोसायटियों की महिलाओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया और कार्यक्रम का लाभ उठाया।आयुष्य मन्दिरम् संस्था के तत्वावधान में सेक्टर तीन स्थित साक्षी सोसायटी में एक दिवसीय स्वास्थ्य एवं योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओं की काफी भागीदारी रही। योगाचार्य सुषमा ने कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं को सरल और उचित युक्तियों एवं उनके लाभ की जानकारी देते हुए आसन, प्राणायाम और मुद्राओं अभ्यास  कराया। इसके साथ ही उन्होंने योगिक आहार के विषय में भी उपयोगी जानकारी दी।कार्यक्रम में सहायक प्रशिक्षक रीना और आस्था ने डेमोंस्ट्रेशन प्रस्तुत किया। हास्यासन के बाद शांति पाठ के बाद कार्यक्रम का समापन...

Nadi Shodhan Pranayama

प्राणायाम: कथं सिद्ध:?

प्राणशक्ति तथा प्राणायाम की उपयोगिता प्राण ही मनुष्य के स्वास्थ्य एवं रूग्णता का कारण है। शरीर आधार है तथा प्राण उसकी शक्ति। मन एवं शरीर प्राण के बिना नहीं रह सकते। प्राण विद्या के द्वारा प्राणशक्ति को विभाजित कर शरीर के प्रत्येक केन्द्र में उपयुक्त रूप से भेजा जा सकता है। इस विद्या के द्वारा प्राणशक्ति की असंतुलित अवस्था में संतुलन ला सकते हैं। इसके अलावा प्राणशक्ति के अभाव में यदि कोई रोग उत्पन्न हुआ हो तो जहाँ प्राणशक्ति अतिरिक्त मात्रा में है वहाँ से अतिरिक्त प्राणशक्ति को रूग्न अंग में प्रसारित कर उसकी क्षतिपूर्ति की जा सकती है। शरीर की रक्षा के लिये जिस प्रकार अन्न की उपयोगिता है, शरीरस्थ रोगनाश के लिये जैसे औषधियों का विनियोग होता है, उसी प्रकार शरीरस्थ बाहरी और भीतरी (बाह्याभ्यन्तर)...

Children Yoga Classes

आयुष्य मन्दिरम् परिसर में बच्चों के लिए नियमित योग कक्षाएं

अपने बच्चे की एकाग्रता, स्मृति, अनुशासन, दृढ़ संकल्प और मूल्य प्रणाली में सुधार के लिए करें योग की शक्ति का उपयोगबच्चों के लिए योग बच्चों  के लिए डिजाइन किए गए व्यायाम के रूप में योग का एक रूप है। इसमें ताकत, लचीलापन और समन्वय बढ़ाने के लिए आसन शामिल हैं। कक्षाएं मजेदार होने के लिए बनाई गई हैं और इसमें  उम्र के हिसाब से उपयुक्त खेल, जानवरों की आवाजे और आसन के लिए रचनात्मक नाम शामिल हो सकते हैं । बच्चों के लिए हमारे विशेष कार्यक्रम के साथ अपने बच्चे को माइंडफुलनेस से परिचित कराएँ। अपने बच्चे के ध्यान, स्मृति, अनुशासन, दृढ़ संकल्प और मूल्य प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए योग की शक्ति का उपयोग करें। बच्चों की योग कक्षाओं में सरल योग आसन और...

mega compititon

आलिया और जय आदित्य ने योग प्रतियोगिता में स्वर्ण और रजत पदक जीता

प्रतियोगिता का परिचय आयुष्य मंदिरम के आलिया अदलखा और जय आदित्य ने हाल ही में आयोजित योग मेगा प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता में 14 राज्यों और 60 स्कूलों के अनगिनत प्रतिभागियों ने भाग लिया। आलिया ने स्वर्ण पदक जीता, जबकि जय ने रजत पदक अपने नाम किया।[caption id="attachment_4743" align="alignleft" width="204"] आलिया अदलखा[/caption] आलिया अदलखा की सफलता आलिया अदलखा ने योग की विभिन्न शैलियों में उत्कृष्टता दिखाई। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें प्रतियोगिता में पहला स्थान दिलाया। आलिया ने अपनी प्रतिभा का परिचय देते हुए यह साबित कर दिया कि वे योग में उच्चतम स्तर तक पहुँच सकती हैं। उनके इस अद्वितीय प्रदर्शन ने न केवल उन्हें स्वर्ण पदक दिलाया, बल्कि उनके विद्यालय का नाम भी रोशन किया।जय आदित्य की मेहनत का फल जय आदित्य ने...

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योग: आयु-आरोग्य-वृद्धि का प्रवेशद्वार

स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीवन जीना सिखाता है योग यह योगमार्ग आयु-आरोग्य-वृद्धि का प्रवेश द्वार है और वेदांत मार्ग का गंतव्य स्थान है, जो लोगों को शाश्वत आरोग्य प्रदान करता है और रोग-दोष, जरा-मरण-जैसी आधियों-व्याधियों से सदा के लिए मुक्त करता है। [mkdf_blockquote text="न तस्य रोगो न जरा न मृत्यु: प्राप्तस्य योगाग्निमयं शरीरम्।। (श्वेताश्वतर. 2/12)" title_tag="h5" width=""] आचार्य चरक ने इस बात को विस्तार से बताते हुए कहा है- [mkdf_blockquote text="नारो हिताहारविहारसेवी समीक्ष्यकारी विषयेष्वसक्त:। दाता सम: सत्यपर: क्षमावानप्तोपसेवि च भवत्यरोगः। मतिर्वच: कर्म सुखानुबंधं सत्त्वं विधेयं विशदा च बुद्धि:। ज्ञानं तपस्तत्परता च योगे यस्यास्ति तं नानुपतन्ति रोग:।। (च. शा. 2.46-47) " title_tag="h5" width=""] अर्थात हितकारी आहार-विहार का सेवन करने वाला, विचारपूर्वक काम करने वाला, काम- क्रोधादि विषयों में आसक्त न रहने वाला, सत्य बोलने में तत्पर, सहनशील और आप्त पुरुषों की...

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