गोमुखासन शरीर, मन और आत्मा के संतुलन का आसन : डॉ. सुधा यादव
[vc_row][vc_column][vc_column_text css=""] गोमुखासन (Gomukhasana) परिचय: शब्दार्थ एवं नामकरण'गोमुखासन' तीन संस्कृत शब्दों से मिलकर बना है – गो (गाय), मुख (चेहरा) और आसन (स्थिति या मुद्रा)। इस आसन में शरीर की आकृति गाय के मुख जैसी दिखाई देती है — जांघों और पिंडलियों का स्वरूप एक छोर पर चौड़ा और दूसरे छोर पर संकरा होता है। बांहों की स्थिति गाय के कानों जैसी प्रतीत होती है। यह मुद्रा मन को गाय की तरह शांत, सौम्य और उदार बनाए रखने की प्रेरणा देती है। अंग्रेज़ी में इसे Cow Face Pose कहा जाता है। गोमुखासन की अभ्यास विधि 1️⃣ दण्डासन में बैठें। 2️⃣ दाहिने पैर को मोड़कर एड़ी को बाएं नितंब से लगाएं। 3️⃣ बाएं पैर को मोड़कर एड़ी को दाहिने नितंब से इस प्रकार लगाएं कि बायां घुटना दाहिने घुटने के ऊपर आ जाए। 4️⃣...