जब जून की तपती दोपहरी धीरे-धीरे ठंडी फुहारों में बदलने लगती है, तभी आता है — अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
[vc_row][vc_column][vc_column_text]रेवाड़ी की उद्योग नगरी में योग की गूंज – मोसाशी में आयुष्य मन्दिरम् का सफल आयोजन[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column][vc_column_text css=""] 🧘♂️ योग दिवस (21 जून) और मानसून का आध्यात्मिक-प्राकृतिक संबंध जब जून की तपती दोपहरी धीरे-धीरे ठंडी फुहारों में बदलने लगती है, तभी 21 जून आता है-अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day)आपको यह भी पढ़ना चाहिए: योग दिवस तक-हर दिन एक योग प्रोटोकॉल अभ्यास: आयुष्य मन्दिरम् की एक अनूठी पहलयह महज़ संयोग नहीं, एक प्राकृतिक एवं आध्यात्मिक संकेत है। जहां एक ओर मानसून धरती को शीतल करता है, वहीं योग आत्मा को। दोनों ही जीवन को पुनः ऊर्जावान बनाने का अवसर हैं।"जब प्रकृति भी योग करती है…" मानव जीवन का सबसे घनिष्ठ संबंध प्रकृति से है। जिस प्रकार पृथ्वी वर्षा ऋतु में शुद्ध होती है, उसी प्रकार शरीर-मन का शुद्धिकरण योग...