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आयुष मन्दिरम् की अपील: भंडारे में स्वास्थ्य और संस्कृति का सम्मान करें, प्लास्टिक को न कहें

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आयुष मन्दिरम् की अपील: भंडारे में स्वास्थ्य और संस्कृति का सम्मान करें, प्लास्टिक को न कहें

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प्रिय भक्तजनों और समाज सेवियों,
आयुष मन्दिरम् की ओर से आप सभी का अभिनंदन। हम जानते हैं कि भंडारे का आयोजन एक पवित्र और सामाजिक कार्य है, जो सेवा और आस्था का प्रतीक है। परंतु, इस पवित्र कार्य में प्लास्टिक के पानी के गिलास, चाय के कप, पत्तल, दोने और पानी की बोतलों का उपयोग न केवल पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा बन रहा है।
हम आपसे निवेदन करते हैं कि अपने सेवा भाव में थोड़ी जागरूकता भी शामिल करें और प्लास्टिक के इन हानिकारक उत्पादों से दूरी बनाएँ।

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प्लास्टिक क्यों है हमारे स्वास्थ्य का दुश्मन?

  • रासायनिक रिसाव का खतरा: प्लास्टिक के ये उत्पाद कई खतरनाक रसायनों जैसे बिस्फेनॉल-ए (बीपीए) और फ़ेथलेट्स से बने होते हैं। जब इनमें गर्म चाय, पानी या खाना डाला जाता है, तो ये रसायन भोजन में मिल जाते हैं और हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
    हार्मोनल असंतुलन: बीपीए जैसे रसायन हमारे शरीर में हार्मोन की कार्यप्रणाली को बाधित करते हैं, जिससे प्रजनन संबंधी समस्याएँ और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
  • कैंसर का खतरा: कई शोध बताते हैं कि ये रसायन कैंसर का कारण बन सकते हैं।
  • सूक्ष्म प्लास्टिक का जहर: प्लास्टिक के गिलास, कप और थैलियाँ समय के साथ छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाती हैं, जिन्हें माइक्रोप्लास्टिक कहते हैं। ये माइक्रोप्लास्टिक हमारे शरीर में भोजन और पानी के माध्यम से प्रवेश करते हैं और आंतरिक अंगों, जैसे फेफड़ों और किडनी को नुकसान पहुँचाते हैं।
  • पाचन संबंधी समस्याएँ: यह पेट की अंदरूनी परत को भी नुकसान पहुँचा सकता है।
  • सूजन और अन्य रोग: माइक्रोप्लास्टिक शरीर में सूजन और अन्य गंभीर बीमारियाँ पैदा कर सकते हैं।
  • रोगजनक जीवाणुओं का घर: प्लास्टिक की बोतलों को बार-बार इस्तेमाल करने पर उनकी सतह पर छोटे-छोटे दरारें पड़ जाती हैं, जो बैक्टीरिया और अन्य रोगाणुओं के लिए आदर्श घर बन जाते हैं। इससे संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

सेवा के पवित्र कार्य में हम यह जहर क्यों परोसें?

हमारे भंडारे का उद्देश्य लोगों को प्रेम और श्रद्धा के साथ भोजन कराना है, न कि उन्हें बीमारियों का जोखिम देना। क्या यह हमारे धार्मिक और सामाजिक मूल्यों के अनुरूप है कि हम प्लास्टिक के कचरे के ढेर लगाकर पर्यावरण को गंदा करें?

आयुष मन्दिरम् का समाधान

हम सभी से अपील करते हैं कि इस पवित्र कार्य में प्लास्टिक के हानिकारक विकल्पों को तुरंत त्याग दें। इसके बजाय, निम्नलिखित सुरक्षित और टिकाऊ विकल्पों को अपनाएँ-

  • स्टील या काँच के बर्तन: पानी, चाय और अन्य तरल पदार्थों के लिए।
  • पुन: प्रयोज्य पत्तल और दोने: स्टील या प्राकृतिक पत्तों से बने पत्तल और दोने का उपयोग करें।
  • कपड़े के थैले: प्लास्टिक की थैलियों की जगह कपड़े के थैलों का उपयोग करें।
  • जल सेवा: पानी की बोतलों के बजाय, पानी के बड़े कंटेनर और स्टील के गिलास का इस्तेमाल करें।

आइए, हम सब मिलकर एक ऐसी परंपरा की शुरुआत करें, जहाँ सेवा का भाव स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा के साथ मिलकर पवित्रता को बढ़ाए। आपके इस सहयोग से न केवल हमारा स्वास्थ्य सुरक्षित होगा, बल्कि हमारी पृथ्वी भी हरी-भरी बनी रहेगी।

आइये हम सब मिलकर स्वच्छ रेवाड़ी-स्वस्थ रेवाड़ी के सपने को साकार करें
AM

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