
पहाड़ियों से छतरियों तक – आयुष्य मन्दिरम् ने रचा योग जागरूकता का नया इतिहास
रेवाड़ी | 5 जुलाई 2025, शनिवार
योग और आत्मचेतना की प्रेरणा बन चुका आयुष्य मन्दिरम् संस्था ने एक बार फिर इतिहास के पन्नों पर अपने नाम की स्वर्णिम छाप छोड़ी।
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इस बार मंच बना दिल्ली रोड स्थित ऐतिहासिक ‘छतरी’, जहाँ पहली बार योग की ध्वनि गूंजी और ओम् की नाद ने वातावरण को दिव्यता से भर दिया। विधायक लक्ष्मण यादव, समाजसेवी महेश राजा, योग साधकों, सफाई योद्धाओं और अन्य विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।
📜 पहाड़ों से प्रारंभ… छतरियों तक यात्रा
इस ऐतिहासिक सिलसिले की शुरुआत 13 मई 2023 को हुई थी, जब आयुष्य मन्दिरम् की टीम ने अरावली पर्वतश्रृंखला की टांकड़ी पहाड़ी के मंदिर प्रांगण में लगभग 80 लोगों को पहली बार सामूहिक योगाभ्यास कराकर योग-प्रेरणा का अलख जगाया।
महिलाएं, बच्चे, और बुज़ुर्ग — सभी ने खड़ी चढ़ाई पार कर अपने साथ पानी, दरी, योगमैट, स्प्राइट्स आदि सामग्री लेकर पहाड़ी पर चढ़ाई की और ऊँचाई पर योग एवं ध्यान का अद्भुत अनुभव प्राप्त किया। यह वह दिन था जब रेवाड़ी के इतिहास में योग ने पर्वतों को भी साध लिया।
🌿 आज फिर गूंजा ‘ॐ’ — छतरी में पहली बार योग
आज, 5 जुलाई 2025 को, आयुष्य मन्दिरम् की टीम ने रेवाड़ी की ऐतिहासिक छतरी को योग और ध्यान की पावन ऊर्जा से भर दिया।
विधायक श्री लक्ष्मण यादव और समाजसेवी महेश राजा की मौजूदगी में, ओम् का सामूहिक उच्चारण गूंजा और यह स्थान आध्यात्मिक चेतना से आलोकित हो गया।
योग साधकों की श्वासों की लय और “I Love Rewari” अभियान की संकल्प भावना ने सबके हृदयों को छू लिया।
🙌 स्वच्छता, सेवा और संकल्प
इस आयोजन में आयुष्य मन्दिरम् की टीम ने केवल योगाभ्यास नहीं कराया, बल्कि स्वच्छता जागरूकता, मानसिक स्वास्थ्य, और प्राकृतिक जीवनशैली को लेकर जनमानस में नई चेतना का संचार किया।
🕉️ “हम चलें… साथ चलें… सतत चलें” — यही है आयुष्य मन्दिरम् का संकल्प
पर्वतों की ऊँचाइयों से लेकर शहर के सांस्कृतिक धरोहरों तक, आयुष्य मन्दिरम् का उद्देश्य केवल योगाभ्यास नहीं, बल्कि जन-जन को जागरूक, स्वस्थ और आत्मबल से पूर्ण बनाना है।
यह सिर्फ एक संस्था नहीं — यह एक चलती हुई चेतना है।
एक शांत क्रांति है, जो योग और सेवा के माध्यम से समाज को नया स्वरूप दे रही है।