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विश्व आर्थराइटिस दिवस: योग और आदर्श जीवनशैली से पाएं गठिया पर विजय

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World Arthritis Day

विश्व आर्थराइटिस दिवस: योग और आदर्श जीवनशैली से पाएं गठिया पर विजय

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गठिया सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी नहीं, युवाओं को भी दे रही है दस्तक

हर साल 12 अक्टूबर को विश्व आर्थराइटिस दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को गठिया के प्रति जागरूक करना और इससे पीड़ित लोगों को बेहतर जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करना है। पहले यह माना जाता था कि गठिया केवल बढ़ती उम्र के साथ होने वाली समस्या है, लेकिन आज की भागदौड़ भरी और निष्क्रिय जीवनशैली के कारण युवाओं में भी यह रोग तेजी से फैल रहा है। अच्छी खबर यह है कि योग और एक आदर्श जीवनशैली की मदद से इस बीमारी को नियंत्रित कर सकते हैं।

गठिया के लिए योग: जोड़ों को दे नई जान

योग सिर्फ एक व्यायाम नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवन पद्धति है। गठिया के मरीजों के लिए यह विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है:
लचीलापन और गतिशीलता: योग के हल्के और धीमी गति वाले आसन जोड़ों के लचीलेपन को बढ़ाते हैं और उनकी गतिशीलता में सुधार करते हैं।

  • दर्द और अकड़न में कमी: नियमित योग अभ्यास से जोड़ों का दर्द और अकड़न कम होती है, जिससे रोगी अपने दैनिक काम आसानी से कर पाते हैं।
  • मांसपेशियों को मजबूती: योग के आसन जोड़ों को सहारा देने वाली मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं, जिससे जोड़ों पर अनावश्यक दबाव कम होता है।
  • तनाव में कमी: ध्यान और श्वास संबंधी व्यायाम मानसिक तनाव को कम करते हैं, जो गठिया के लक्षणों को और बढ़ा सकता है। इस तरह, योग एक प्राकृतिक दर्द निवारक के रूप में काम करता है।
  • आदर्श जीवनशैली: गठिया से बचाव का अचूक उपाय

योग के साथ-साथ एक आदर्श जीवनशैली भी गठिया के प्रबंधन के लिए आवश्यक है। इसमें निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  1. संतुलित और पौष्टिक आहार:
    सही पोषण: विटामिन सी (संतरे, अंगूर), विटामिन के (ब्रोकोली) और ओमेगा-3 फैटी एसिड (मछली का तेल, मेवे) से भरपूर भोजन सूजन को कम करने और जोड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं।
    वजन नियंत्रण: अतिरिक्त वजन जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव डालता है। इसलिए, स्वस्थ वजन बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है।
  2. नियमित शारीरिक गतिविधि:
    पैदल चलना, साइकिल चलाना या तैराकी जैसे हल्के व्यायाम जोड़ों को लचीला बनाए रखते हैं।
    लंबे समय तक एक ही जगह बैठने से बचें और बीच-बीच में उठकर कुछ कदम चलें।
  3. धूम्रपान और शराब से दूरी:
    धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन गठिया के लक्षणों को बढ़ा सकता है और स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
  4. पर्याप्त आराम और अच्छी नींद:
    शरीर को पर्याप्त आराम देना और अच्छी नींद लेना भी गठिया के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करता है।

गठिया को हराएं, जीवन को जीतें

गठिया का निदान होते ही निराश होने की बजाय, योग और आदर्श जीवनशैली को अपनाकर इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। नियमित अभ्यास और सही खान-पान से न सिर्फ जोड़ों के दर्द को कम किया जा सकता है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार किया जा सकता है। इस विश्व आर्थराइटिस दिवस पर, आइए हम सभी यह संकल्प लें कि हम अपने और अपने प्रियजनों के जोड़ों के स्वास्थ्य का ध्यान रखेंगे और एक स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली अपनाएंगे।

 

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