logo

Welcome to Ayushya Mandiram!

Explore our holistic wellness programs, spiritual workshops, and community events. Stay updated with our latest news and offerings to enhance your journey towards well-being.
Working Hours
Monday - Friday 06:00AM - 19:00PM
Saturday - Sunday CLOSED
From Our Gallery

Mon - Fri 9.00 - 17.00 Sunday CLOSED

91-9873490919

212 LR, Model Town, Rewari, HR

Top

गोमुखासन शरीर, मन और आत्मा के संतुलन का आसन : डॉ. सुधा यादव

Ayushya Mandiram / Exercise  / गोमुखासन शरीर, मन और आत्मा के संतुलन का आसन : डॉ. सुधा यादव
protocol Gomukhasana

गोमुखासन शरीर, मन और आत्मा के संतुलन का आसन : डॉ. सुधा यादव

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

गोमुखासन (Gomukhasana) परिचय:

शब्दार्थ एवं नामकरण

‘गोमुखासन’ तीन संस्कृत शब्दों से मिलकर बना है – गो (गाय), मुख (चेहरा) और आसन (स्थिति या मुद्रा)। इस आसन में शरीर की आकृति गाय के मुख जैसी दिखाई देती है — जांघों और पिंडलियों का स्वरूप एक छोर पर चौड़ा और दूसरे छोर पर संकरा होता है।
बांहों की स्थिति गाय के कानों जैसी प्रतीत होती है। यह मुद्रा मन को गाय की तरह शांत, सौम्य और उदार बनाए रखने की प्रेरणा देती है। अंग्रेज़ी में इसे Cow Face Pose कहा जाता है।

गोमुखासन की अभ्यास विधि

1️⃣ दण्डासन में बैठें।
2️⃣ दाहिने पैर को मोड़कर एड़ी को बाएं नितंब से लगाएं।
3️⃣ बाएं पैर को मोड़कर एड़ी को दाहिने नितंब से इस प्रकार लगाएं कि बायां घुटना दाहिने घुटने के ऊपर आ जाए।
4️⃣ बाएं हाथ को ऊपर उठाकर पीठ की ओर लाएं, कोहनी ऊपर की ओर रहे।
5️⃣ दाहिने हाथ को कमर की ओर से पीछे ले जाकर, दोनों हाथों की अंगुलियां आपस में फंसा लें।
6️⃣ दृष्टि सामने टिकाएं और श्वास-प्रश्वास सामान्य रखें।

गोमुखासन के लाभ

🟢 1. शारीरिक लाभ

  • कूल्हों, जांघों, कंधों और भुजाओं में लचीलापन और शक्ति बढ़ाता है।
  • गठिया, अपच, मूत्र संबंधी विकारों में लाभकारी।
  • महिलाओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी आसन।
  • शरीर की मुद्रा को बेहतर बनाता है।
  • रक्तसंचार को बेहतर करता है।

🔵 2. मानसिक लाभ

  • तनाव, चिंता और मानसिक अस्थिरता को कम करता है।
  • ध्यान व मानसिक स्पष्टता को बढ़ाता है।

🟣 3. आध्यात्मिक प्रभाव

  • आज्ञा चक्र, अनाहत चक्र, स्वाधिष्ठान चक्र और मूलाधार चक्र को संतुलित करता है।
  • साधक में करुणा, शांति और सेवा-भावना जाग्रत करता है।

सावधानियाँ

  1. कंधे, गर्दन या रीढ़ में समस्या होने पर इस आसन से बचें।
  2. गर्भवती महिलाएं पहले तीन माह में यह आसन न करें।
  3. खूनी बवासीर में निषिद्ध।

विशेष सुझाव

  • यदि हाथ आपस में न मिलें तो धीरे-धीरे अभ्यास करें।
  • रीढ़ और गर्दन सीधी रखें।

नियमित अभ्यास से, गोमुखासन केवल शारीरिक लचीलापन ही नहीं देता बल्कि जीवन में मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास का भी मार्ग प्रशस्त करता है।

📌 अन्य लोकप्रिय योगासनों के लिए पढ़े:

👉 त्रिकोणासन (Triangle Pose)
👉 भुजंगासन (Cobra Pose)
👉 योग Nidra और ध्यान सत्र

🔗 अधिक जानने और ऑनलाइन क्लास ज्वाइन करने के लिए:
🌐 https://amsite.in/yoga-in-rewari/

Dr. Sudha Yadav

✍️ लेखक परिचय:

डॉ. सुधा योग विशेषज्ञ
गवर्नमेंट हॉस्पिटल नारनौल (हरियाणा )
पिछले कुछ वर्षों में योग प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा है तथा योगासन, प्राणायाम, ध्यान एवं षट्कर्म व अनेक रोगों पर शोध कार्य भी कर चुकी हैं।

AM

No Comments

Post a Comment

error: Content is protected !!