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हम समग्र स्वास्थ्य, शांति और आपसी सामंजस्य के पक्षधर हैं
आयुष्य मन्दिरम् एक गैर-लाभकारी (non-profit) संस्थान है। आयुष्य मन्दिरम् का नामकरण वर्ष 2014 में अंतर्राष्ट्रीय जूना अखाड़ा के महामण्डलेश्वर स्वामी रामशरण गिरी जी के मुखारविंद से हुआ। वर्ष 2018 में शिष्य आचार्य जयप्रकाशानन्द ने वैदिक और सिंधु सभ्यता का प्रमुख प्रांत हरियाणा से ट्रस्ट अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत कराया, जो कि भारत की राजधानी दिल्ली से सटा हुआ है।
हम समग्र स्वास्थ्य संवर्धन में अग्रणी संगठन हैं। हमारा उदेश्य वैदिक ऋषियों-मुनियों से प्राप्त पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान जैसे योग, प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद, एक्यूप्रेशर आदि के विषय में लोग और जन समुदाय के बीच जागृति का प्रसार करना है, ताकि लोग इनके माध्यम से समझ सकें, शांति और स्वास्थ्य लाभ पा सकें।